मंगलवार, 30 जून 2009

सैफई में हवाई प्रशिक्षण का रोमांच


सैफई में हवाई प्रशिक्षण का रोमांच


सैफई में हवाई प्रशिक्षण का रोमांच

सैफई में हवाई प्रशिक्षण का रोमांच
सैफई। समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुलायम सिंह यादव के गृहक्षेत्र सैफई में निर्मित हवाई पटटी जो पिछले एक दशक से सिर्फ राजनेताओं और फिल्मी कलाकारों को ही विमानों से लाने व ले जाने का काम आ रही थी वहीं अब इस हवाई पटटी पर जिसप्रकार से एक निजी कंपनी युवाओं को पायलट बनाने का प्रशिक्षण दे रहे हैं। इस हवाई पटटी को अब उददेश्य मिल गया जिससे आने वाले समय में युवाओं को उम्मीद की किरण नजर आने लगी है।करोड़ो रुपये की लागत से बनी सैफई हवाई पटटी का लाभ अभी तक आमजनों को नहीं मिल पा रहा था क्योंकि निर्माण के बाद से आज तक इस हवाई पटटी पर सिर्फ राजनेताओं और सैफई महोत्सव में शिरकत करने आने वाले फिल्मी कलाकारों को लाने व ले जाने वाले विमान ही इस हवाई पटटी पर उतरते थे परिणामस्वरूप इस महत्वाकांक्षी परियोजना के प्रति आमजनों का कोई रूझान नहीं था।इस हवाई पटटी के आधुनिकीकरण के लिए राज्य सरकार के नागरिक उडडयन विभाग ने इसका विस्तारीकरण करते हुए इस हवाई पटटी पर एअर बोइंग 337 जैसे विमानों के उतरने की व्यवस्था की गई थी परंतु आज तक इस हवाई पटटी का यात्रीविमानों के उतरने में प्रयोग नहीं हुआ है। अब इस हवाई पटटी को एक निजी संस्थान ने राज्य सरकार से लीज पर अपने प्रशिक्षुओं को पायलट बनाने का प्रशिक्षण देना आरंभ कर दिया है। पायलटों के इस प्रशिक्षण के प्रति क्षेत्रीय लोगों में भी उत्साह है और उनका मानना है कि यदि इसी प्रकार के यहां कार्यक्रम आयोजित होते हैं तो जनपद के भी युवाओं को भी पायलट बनने के अवसर मिल सकेंगें। फिलहाज यह निजी संस्था दो छोटे सेशन 152 एवं एक प्रशिक्षण विमान सेशन 172 से तकरीबन बीस युवाओं को प्रशिक्षण दे रही है।

चम्बल से शहर की तरफ हिरन


चम्बल से शहर की तरफ हिरन

चम्बल से शहर की तरफ़ हिरन
इटावा, चंबल अभ्यारण्य क्षेत्र में रहने वाला हिरन लगातार कट रहे जंगलों के कारण अब शहरी क्षेत्रों का रूख करने लगे हैं। हिरन पहला जीव नहीं है जो जंगलों से निकल कर शहरी क्षेत्र में आए हों। इससे पूर्व चंबल के घने जंगलों में रहने वाले अजगर, सियार, पेंगोलिन, तेंदुआ सहित तमाम जीव शहरी क्षेत्र में पाए गए हैं। हिरन चूंकि वन्य जीव संरक्षित जीव है इसलिए इसके शहरी क्षेत्र में पाए जाने से वन विभाग भी हतप्रभ हैं।जंगलों में लगातार हो रहे कटान के कारण जंगलों में स्वतंत्र विचरण करने वाले जानवरों को अब जंगलों में रहने में खासी असुविधा होने लगी है। जिस प्रकार से पिछले एक वर्ष में दर्जनों विभिन्न प्रजाति के संरक्षित जीव शहरी क्षेत्र में आए, उससे यह साफ हो जाता है कि कहीं न कहीं यह जीव जंगलों में खुद को असुरक्षित मान रहे हैं और वह भटकते हुए शहरी क्षेत्र में शरण पाते हैं।हिरन के शहर में शरण पाए जाने के बाद वन विभाग के आला अधिकारी भी सकते में आ गए। इस संबंध में वन विभाग के वन क्षेत्राधिकारी विवेकानंद दुबे का कहना है कि चंबल क्षेत्र में अभी तक हिरनों के बारे में कोई ठोस अध्ययन नहीं किया गया है। इसलिए इनकी संख्या में बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता है। यदा-कदा जब कोई जीव अपने समुदाय से भटक जाता है तो वह शहरी क्षेत्र में आ जाता है परंतु हिरन के मामले में यह पहला मौका है जब चंबल अभ्यारण्य क्षेत्र में वास करने वाले हिरन को शहरी क्षेत्र में देखा गया हो।